NEELAM GUPTA

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वार्षिक लेखन प्रतियोगिता देश प्रेम (मेरे देश की मिट्टी)

कितनी गाऊँ  मैं मेरी।

          देश की धरती  की गाथा ।

पवित्र गंगा यमुना या ऊँचे ।

            हिमालय के शिखर की परिभाषा ।

इस धरती पर जन्मा है।

             ॠषि मुनियों का आभार ।

इनके लिखे ग्रन्थो में पूरे ।

              जीवन का है सार।

मेरे देश की धरती की मिट्टी में है मिला ।

              रक्त वीर जवानों का।

इनकी आन शान है अपने ।

               देश पर मर मिट जाने  का ।

सुनहरी मेरी देश की धरती ।

               सुरज सी चमकती है ।

पीली पीली मिट्टी इसकी ।

               सोना खूब उपजाती  है ।

यहाँ मेहनत उस किसान की ।

               जो बोता है।अपने पसीने से बीज़ ।

इस धरती  से हमको  प्राप्त होता ।

                 अन्न का एक एक दाना नसीब ।

यहाँ  योग है  आयुर्वेद का ज्ञान है ।

                 जो सारी दुनिया ना कर सकी ।

आयुर्वेद से इस समय में ।

                   करोना का इलाज है ।

ऐसी मेरी देश की धरती ।

          हमेशा से हमको इस पर नाज है ।


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7 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

10-Feb-2022 07:23 PM

Bahut badhiya

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Simran Bhagat

10-Feb-2022 06:42 PM

Nyc🔥🔥

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